लेखनी कहानी -12-Apr-2022 शोर्ट स्टोरी लेखन # इतनी देर से क्यों आये
प्रेम तब ही गहरा होता है जब विरह होता है।सभी प्रेम की ही बातें लिखते है जरा सोचे विरह के बाद जो मिलन होता है उसमे प्रेम रिश्तों की जड़ों तक समा जाता है ।एक कहानी के रूप मे आओ समझे।
नंदिनी मां बाप की इकलौती संतान थी। मध्यमवर्गीय परिवार मे जन्मी नंदिनी के ख्वाब बहुत ऊंचे थे। पिता ने साधारण से घर मे रिश्ता कर दिया जो नंदिनी को बिल्कुल भी पसंद नही था। शादी की रात वह घर से भाग गयी।बिना बताए। ट्रेन मे बड़ी मुश्किल से एक सीट मिली वह उस पर गठरी बनकर बैठी सुबक रही थी।मन ही मन बुदबुदा रही थी शायद अपने पिता के लिए कुछ बोल रही थी ।पास की तीसरे नंबर की सीट पर उसी के गांव का लड़का गणेश बैठा था।वह घर से शहर जा रहा था । नंदिनी को काफी समय हो गया ऐसे ही बुदबुदाते हुए। गणेश उसकी हालत देखकर समझ गया कि ये लड़की घर से भाग कर आयी है ।वह धीरे धीरे उसके पास गया और उसके साथ वाली सीट पर बैठ गया । नंदिनी ने जब उसे देखा तो पल्लू मुंह पर कर लिया।गणेश बोला,"पल्लू नीचा करने से क्या तुम पहचान मे नही आओगी ।तुम मनोहर काका की बेटी नंदू हो ना।"
नंदिनी सकपका गयी इतने मे टीटी आ गया उसके पास टिकट भी नही था वह और ज्यादा घबरा गयी और रोने लगी। गणेश ने टीटी को पैसे दिए और कहा,"सर ये मेरे साथ है।"नंदिनी पहले से ही गणेश को जानती थी लेकिन उसका यू अपनापन दिखाना उसे भा गया।सारे रास्ते गणेश उसे समझाता रहा कि घर से भागना कोई हल नही होता ।तुम अपने पिताजी को अपने मन की बात बता सकती थी।अब तुम मुंबई पहुंच कर अपने पिता को फोन करके सब बता देना नही तो वो चिंता मे आधे हो जाएंगे।इस तरह वह और नंदिनी दोनों मुम्बई पहुंच गये। नंदिनी ने अपने पिता को फोन किया तो वो भरे हुए बैठे थे । उन्होंने कोई बात नही सुनी गणेश ने भी कहा ,"काका नंदू मेरे साथ है ।"
पर नंदिनी के पिता ने रिश्ते ही खत्म करने की बात कह कर फोन रख दिया ।अब नंदिनी कहां जाए गणेश उसे अपने कमरे मे ले गया । थोड़े दिन बिना शादी किए साथ रहे तो मुहल्ले वाले बाते बनाने लगे।"क्या रिश्ता है भगवान जाने दोनों का ।ये मांग मे सिंदूर भी नहीं डालती।"जितने मुंह उतनी बातें । लोगों के तानों से बचने के लिए एक दिन नंदिनी की मांग मे सिंदूर भर दिया।ऐसा कुछ नही था दोनों के बीच बस परिस्थितियों के वश ये शादी करनी पड़ी। नंदिनी घर का काम करती और गणेश कमाने बाहर जाता। शुरू शुरू मे तो सब ठीक चल रहा था लेकिन थोड़े दिनों बाद गणेश को अमीर बनने की धुन सवार है गयी।वह कभी कभी रात भर काम के सिलसिले मे बाहर रहता।नया शहर था नंदिनी किससे बात करे सारा दिन ।बैठी बैठी उसकी राह देखती रहती।पर गणेश को उसकी कोई परवाह नही थी।
ऐसे महीनों निकल गये।एक दिन गणेश को पहले ही किसी बात पर गुस्सा चढ़ा हुआ था नंदिनी ने कोई बात कह दी तो सारा गुस्सा उस पर उतार दिया।आज पहली बार हाथ उठा था उसका।
नंदिनी ने अपना बैग उठाया और घर से चल पड़ी। गणेश ने भी गुस्से मे आकर उसे नहीं रोका ।सोचा मायके जा नहीं सकती ऐसे ही घुम घाम कर आ जाएगी।पर जब शाम है गयी और नंदिनी घर नही लौटी तो मन आशंका से भर गया गणेश का । मोटरसाइकिल लेकर रेलवे स्टेशन,नहर ,नदी सब छान मारे कही ना मिली उसकी नंदू।वह पागलों की तरह सब से पूछ रहा था किसी को फोटो दिखा कर कि ये लड़की को देखा है कहीं। थक हार कर रात बारह बजे घर लौटा।फिर उसे ध्यान आया कि एक बार नंदिनी के मायके फोन करके पूछा जाए।जब फोन किया तो उसके पिता ने कहा,"हां इधर ही आई हुई है।" गणेश को तब बुरा लगा वह उससे लड़ सकती थी झगड़ सकती थी पर मायके जाने की क्या जरूरत थी।वह भी गुस्से में यही बोला फोन पर,"ठीक है उसे वहां रहना है तो रहे । मुझे कोई फर्क नही पड़ता।"
पास मे खड़ी नंदिनी ये सब सुन रही थी वो भी मन ही मन ठान बैठी कि अगर इनको मेरी जरूरत नहीं है अपनी जिंदगी मे तो मुझे भी नही चाहिए इनका साथ।
दोनों ही अपने अपने मे मरोड़ करके बैठ गये।पर थोड़े ही दिनों बाद दोनों को एक दूसरे की याद आने लगी पर हर बार घमंड आगे आ जाता। दोनों में से कोई झुकने को तैयार नही था । नंदिनी सूख कर कांटा हो गयी थी और यही हाल गणेश का था ।बिखरे बाल, आंखों के नीचे काले घेरे जैसे बहुत दिनों से सोया ही नही हो।ना खाने का होश ना पहनने का होश।
एक दिन अपने मित्र के कहने पर वह गाड़ी लेकर अपनी ससुराल पहुंच गया ।पर अंदर कैसे जाए झिझक मे दरवाजे के बाहर ही गाड़ी लेकर खड़ा रहा। नंदिनी ने भी छत से गणेश को देख लिया था वह दौड़ी दौड़ी नीचे आयी उसे देखकर दीवार से लग कर रोने लगी। गणेश ने देखा तो वह भी पिघल गया और दौड़ कर अपनी नंदिनी को सीने से लगा लिया। नंदिनी रोते हुए उसकी छाती पर मुक्के बरसा रही थी और मुंह मे यही शब्द थे "क्यूं इतनी देर से आये।"
दोनों का घमंड आंसूओं के जरिए बह चला।
जोनर# प्रेम
Seema Priyadarshini sahay
02-May-2022 12:40 AM
👍👍👌
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NEELAM GUPTA
01-May-2022 07:23 AM
बढ़िया आखिरकार प्यार हो ही गया
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Zainab Irfan
30-Apr-2022 10:29 PM
👏👌🙏🏻
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